Monday, December 19, 2011

देशी बनाम विदेशी : दिसंबर २०११

स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात-बलिहारी गुरु आपकी गोविन्द दियो बताय *५,लोकमत*५,पञ्चांग *६, सरोकार- जिन्दगी के हम दम ख़ुशी औ गम-सांवरमल शर्मा 'रवि'*१७,, पाँखुड़ियाँ-अभिभावक बच्चों को यांत्रिक मानव न बनाएं- अनोखीलाल कोठारी *२७,खुशबू का सफ़र-सास बहू रिश्ते में क्यों आ जाती है खटास-घनश्याम मेथी*२९,बुद्ध पुरुष-न सुन बुरा न देख बुरा न बोल बुरा*३०,वास्तु-मुख्य द्वार-पंडित भवानी खंडेलवाल *३३, स्वास्थ्य-कैसा हो आपका आहार-वैद्य ओमप्रकाश चोटिया*३५,ज्योतिष-ज्योतिष :रोग और उपचार-शिवभगवान शास्त्री*३७,कहानियाँ -विष बाँटने वाले-स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*३८,नव-परिणीत *४३,सेवा संदीपन-नाम को सार्थक करता एक रचना धर्मी-राज गोस्वामी*४५,चौपाल-*४७,स्मृति-शेष *५०,कवितायेँ-*१६,१९,२०,२७.
विशेष :
बड़े खिलाडी यानि सब चौपट-गोविन्द चतुर्वेदी*७
विदेशी पूंजी से भंडारा-ज्ञान चतुर्वेदी*९
स्वस्तिपथ-बद्रीप्रसाद पंचोली*13
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१५
अग्रायह मृत्युभोज - मानक तुलसीराम गौड़*19
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *20
ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप - श्याम मनोहर व्यास *२३
बेचारा अपने ही जल में फँस गया - केसरीकान्त 'केसरी' *२५

Sunday, December 18, 2011

गौ महिमा और गौ संवर्धन :नवम्बर २०११

स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात- सकारात्मक एवं ककारात्मक मनोभावों का प्रभाव *५,पञ्चांग *६, सरोकार- साहित्य समाज और साहित्यकार : एक विश्लेषण -सांवरमल शर्मा 'रवि'*३१, नव-परिणीत *३५, पाँखुड़ियाँ- अपने बच्चों को दें अच्छी परवरिश -सोनी मल्होत्रा*३६, बुद्ध पुरुष-वरिष्ठ जन सुखी रहें कैसे ?-जमुनाप्रसाद बड़ेरिया*३७, वास्तु- प्रारूप -पंडित भवानी खंडेलवाल *३८, स्वास्थ्य- स्वाइनफ्लू: कारन और निवारण-वैद्य ओमप्रकाश चोटिया *४१, ज्योतिष-ज्योतिष :रोग और उपचार-शिवभगवान शास्त्री*४३,कहानियाँ - फूल और बच्चे- स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*४५, सेवा संदीपन-नाम को सार्थक करता एक रचना धर्मी :सांवरमल शर्मा 'रवि'*४७,चौपाल-*५१,स्मृति-शेष *५८, कवितायेँ-*१५,२०,३३,३६,३८.
विशेष :
जहाँ गायें सुखी होती है वहां राष्ट्र तरक्की करता है - अ. श्री विभूषित श्री जयकृष्णदेवाचार्याजी महाराज*७
आपद धर्म - मानक तुलसीराम गौड़*८
गौ महिमा - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*
गाय विश्व की माता है-अनोखीलाल कोठारी*१४
गौ संवर्धन और उद्योग -कृष्णचन्द्र टवाणी *१७
गाँधी का आलोक पथ- सांवरमल शर्मा 'रवि*१९
समाज संरचना और ब्राह्मण - अ. श्री विभूषित श्री जयकृष्णदेवाचार्याजी महाराज*२३
देव को जगाएं - बद्रीप्रसाद पंचोली*२५
संतो के प्रेरक प्रसंग - श्याम मनोहर व्यास *27
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*२९
रजा से बढ़-चढ़कर कविता - केसरीकान्त 'केसरी' *३३
सीढ़ी ईंट सीधा भवन, टेढ़ी ईंट टेढ़ा भवन - गंगाविष्णु बंशीवाल*35
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *४२

प्रकाश पूजन : अक्टूबर २०११

स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात- काल करे सो आज कर, आज करे सो अब *५,पञ्चांग *६, सरोकार- समझौता का मूल्य -सांवरमल शर्मा 'रवि'*२३, सेवा संदीपन -श्री मानक तुलसी राम गौड़ *२७, पाँखुड़ियाँ- आतिशबाजी जरा संभलकर -गणपतलाल पंवार*३१, खुशबु का सफ़र- आनुवंशिक कारणों से झड्तें है बाल- महेश शर्मा *३२, बुद्ध पुरुष-बुढ़ापा यौवन के उपार्जन का प्रतिबिम्ब है -अनोखीलाल कोठारी*३३, वास्तु- भूखंड में आग्नेय कोण का घटना -पंडित भवानी खंडेलवाल *३५ स्वास्थ्य- कैसा हो हमारा मन-वैशिष्ट्य-वैद्य ओमप्रकाश चोटिया *३८, ज्योतिष-शुक्र ग्रह का प्रभाव - ओमप्रकाश शर्मा*३८, कहानियाँ - रक्षा- स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*३८, नव-परिणीत *३८, धर्मक्षेत्रे -*४१, चौपाल-*४३, सेवा-सम्मान -*५६, स्मृति-शेष *५८, कवितायेँ-*१०,१४,१६,२५,३४,३५.
विशेष :
प्रकाश पूजन : एक विवेचन - सांवरमल शर्मा 'रवि*७
अमावस्या को ही लक्ष्मी पूजन - पंडित भवानी खंडेलवाल *९
आत्म दीपो भव: - श्याम मनोहर व्यास *१३
भारतीय भाषाओँ की जननी संस्कृत पर कुठाराघात - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१५
देवाधिनम जगत सर्वं - अ. श्री विभूषित श्री नारायनाचार्याजी महाराज*17
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१९
कैसे लिखते थे ये महान लेखक - केसरीकान्त 'केसरी' *२५
ब्राह्मणत्व - गंगाविष्णु बंशीवाल*२७
रामू काका - मानक तुलसीराम गौड़*२८
होश न खो दे कहीं - श्रीमती शुक्ल चौधरी*२९
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *३५

पितृ-पक्ष : सितम्बर २०११


स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात-सकारात्मक एवं नकारात्मक मनोभावों का प्रभाव *५,पञ्चांग *६, लोकमत *७,गीता हाइकु -राज गोस्वामी *१०, सरोकार-सब खेलों से बेमेल : राजनीति का खेल -सांवरमल शर्मा 'रवि'*२३,पाँखुड़ियाँ-जीवन तनाव की कहानी-श्रीमती शुक्ल बाला*३५, आकाश की दौड़-नेतृत्व युवा का नैसर्गिक गुण-प्रकाश रामचंद्र पांडे*३६, खुशबु का सफ़र-आनुवंशिक कारणों से झ्ड़तें है बाल -महेश शर्मा*३७, बुद्ध पुरुष-वृधावस्था में स्वस्थ रहने के नुस्खे-नारायणदास रोचनी *३९, कहानियाँ -आत्म शक्ति -स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*४०,वास्तु- भूखंड में नैर्रत्य कोण का घटना -पंडित भवानी खंडेलवाल *४०स्वास्थ्य-ग्वारपाठा 'घृतकुमारी औषधि है अति प्यारी'-वैद्य रामदत्त शास्त्री*४३,सेवा-संदीपन - कलम के धनी : श्याम मनोहर व्यास*४६, ज्योतिष -शुक्र गृह का प्रभाव-ओमप्रकाश शर्मा*४७,धर्मक्षेत्रे *४७, चौपाल *४८, स्मृति-शेष *५०,
विशेष :
पितृ-पक्ष - रामकृष्ण सेवदा*९
युवा पीढ़ी ने स्वीकारा-क्रांति का आगाज़ - सांवरमल शर्मा 'रवि*१३
व्यक्ति एवं संगठन की सफलता कैसे?- पंडित शिवभगवान शास्त्री*१७
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१९
जब वार घास मै छिपकर हुवा - केसरीकान्त 'केसरी' *२५
स्वस्तिक:शुभ एवं मांगलिक कार्य का प्रतीक है - अनोखीलाल कोठारी*२७
ज्ञान-दान - गंगाविष्णु बन्सीवाल*२९
वृक्ष - मानक तुलसीराम गौड़*३०
कैसा हो हमारा संगठन? - वैद्य ओमप्रकाश चोटिया*३३
कविता *२९,३०,४४,४५


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श्री कृष्ण जन्माष्टमी : अगस्त २०११


स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात-बातों-बातों में*५,पञ्चांग *६, लोकमत *७, गीता हाइकु -राज गोस्वामी *१०,सरोकार-भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना आसन नहीं-सांवरमल शर्मा 'रवि'*१९,पाँखुड़ियाँ-कर्मवीर बनो-श्रीमती शुक्ल बाला*२९,आकाश की दौड़-नेतृत्व युवा का नैसर्गिक गुण*प्रकाश रामचंद्र पांडे*३०, नव-परिणीत *३०,खुशबु का सफ़र-आनुवांशिक कारणों से झड़ते हैं बाल-महेश शर्मा*३३, बुद्ध पुरुष-बुढ़ापा बनाए सुखमयी-केशर सिंह गुप्ता*३४, कहानियाँ -फूलों सी आत्मा-स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*३५, वास्तु- भूखंड में वायव्य कोण कि वृद्धी -पंडित भवानी खंडेलवाल *३७, ज्योतिष -शुक्र गृह का प्रभाव-ओमप्रकाश शर्मा*३८, स्वास्थ्य- बरगद:वट वृक्ष की वरीयता -वैद्य रामदत्त शास्त्री*३९, धर्मक्षेत्रे*४३, चौपाल *४५, स्मृति-शेष *५०,
विशेष :
श्री कृष्ण जन्माष्टमी - रामकृष्ण सेवदा*9
संकल्पित आन्दोलन की अग्नि परीक्षा - सांवरमल शर्मा 'रवि*१३
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१५
आत्मबोध से आध्यत्मिक ज्ञान संभव है - कृष्ण चन्द्र टवानी*१७
महाकवि गोस्वामी तुलसीदास - गंगाविष्णु बन्सीवाल*२३
कैसे रहे निरोगी? - वैद्य ओमप्रकाश चोटिया*२४
सोने की ईंट का रहस्य - केसरीकान्त 'केसरी' *२५
संस्कार - मानक तुलसीराम गौड़*२७
अंतरात्मा की अभिव्यक्ति ही प्रार्थना है - अनोखीलाल कोठारी*२८