Sunday, December 18, 2011

गौ महिमा और गौ संवर्धन :नवम्बर २०११

स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात- सकारात्मक एवं ककारात्मक मनोभावों का प्रभाव *५,पञ्चांग *६, सरोकार- साहित्य समाज और साहित्यकार : एक विश्लेषण -सांवरमल शर्मा 'रवि'*३१, नव-परिणीत *३५, पाँखुड़ियाँ- अपने बच्चों को दें अच्छी परवरिश -सोनी मल्होत्रा*३६, बुद्ध पुरुष-वरिष्ठ जन सुखी रहें कैसे ?-जमुनाप्रसाद बड़ेरिया*३७, वास्तु- प्रारूप -पंडित भवानी खंडेलवाल *३८, स्वास्थ्य- स्वाइनफ्लू: कारन और निवारण-वैद्य ओमप्रकाश चोटिया *४१, ज्योतिष-ज्योतिष :रोग और उपचार-शिवभगवान शास्त्री*४३,कहानियाँ - फूल और बच्चे- स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*४५, सेवा संदीपन-नाम को सार्थक करता एक रचना धर्मी :सांवरमल शर्मा 'रवि'*४७,चौपाल-*५१,स्मृति-शेष *५८, कवितायेँ-*१५,२०,३३,३६,३८.
विशेष :
जहाँ गायें सुखी होती है वहां राष्ट्र तरक्की करता है - अ. श्री विभूषित श्री जयकृष्णदेवाचार्याजी महाराज*७
आपद धर्म - मानक तुलसीराम गौड़*८
गौ महिमा - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*
गाय विश्व की माता है-अनोखीलाल कोठारी*१४
गौ संवर्धन और उद्योग -कृष्णचन्द्र टवाणी *१७
गाँधी का आलोक पथ- सांवरमल शर्मा 'रवि*१९
समाज संरचना और ब्राह्मण - अ. श्री विभूषित श्री जयकृष्णदेवाचार्याजी महाराज*२३
देव को जगाएं - बद्रीप्रसाद पंचोली*२५
संतो के प्रेरक प्रसंग - श्याम मनोहर व्यास *27
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*२९
रजा से बढ़-चढ़कर कविता - केसरीकान्त 'केसरी' *३३
सीढ़ी ईंट सीधा भवन, टेढ़ी ईंट टेढ़ा भवन - गंगाविष्णु बंशीवाल*35
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *४२

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