Saturday, April 7, 2012

राजराजेश्वर जामदग्नेय भगवान श्री परशुराम : अप्रेल 2012

स्थाईस्तम्भ : पञ्चांग*५, अपनी बात- स्वयं आदर्श बने -डॉ बद्रीप्रसाद पंचोली (अतिथि संपादक)*७, लोकमत*१०, सरोकार-सांवरमल शर्मा 'रवि'*३३, नव-परिणीत *३७, ग़ज़ल*४०, चौपाल*४३, श्रधांजलि*५०. अनवरत : मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*३९. गीता हाइकु -राज गोस्वामी*४०. विशेष : परशुराम के शिष्य देव सेनापति स्कन्द-आशोक कुमार भागवत*८. प्रगटे महिभार उतारण कारन -अनंत श्री विभूषित श्री जयकृष्णदेवाचार्याजी महाराज *९. परशुराम : सबल एवं स्वस्थ समाज के संस्थापक -डॉ बद्रीप्रसाद पंचोली*१३. परशुराम का तपोवन-स्व.डॉ रामानंद तिवारी*१४. भगवान परशुराम का व्यक्तित्व : ऐतिहासिक सन्दर्भ में-पंडित खेमचंद चतुर्वेदी*१७. संस्कृति रक्षक भगवान परशुराम-डॉ प्रकाश चन्द्र चंदावत*१९. महर्षि परशुराम-श्रीमती ममता चतुर्वेदी*२३. युगयुगीन परशुराम-डॉ परमेन्द्र दशौरा*२५. 'पर उपदेश कुशल बहुतेरे'-जुगलकिशोर जोशी*२७. गौर ए गणगौर माता खोल किवाड़ी-श्रीमती बसंती हर्ष*२९.

Monday, March 26, 2012

श्रद्धेय श्रीयुत श्रीवल्लभजी शर्मा को कोटि कोटि नमन

अभी-अभी श्रद्धेय श्रीयुत श्रीवल्लभजी शर्मा, इंदौर महानगर-निगम के पूर्व महापौर एवं पूर्व विधायक , भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेता एवं प्रखर प्रवक्ता , वरिष्ठ समाज सेवी एवं विप्र समाज के उन्नायक , खांडल विप्र महासभा के पूर्व कार्याध्यक्ष , संरक्षक एवं जननेता के आज दिनांक २६-०३-२०१२ को ब्रह्म्लीन होने की जानकारी मिली ! अप्रत्याशित तो नहीं पर बेहद ह्रदय-विदारक अवश्य है ! काफी अरसे से श्रधेय पंडितजी अस्वस्थ ही चल रहे थे पर उनका होना अपने आप में संबल देता था ! शायद इसी भावना से वो अब तक हमारे बीच थे ! अपनी धर्मपत्नी विदुषी श्रीमती सीता देवी के १४-०१-२०१२ को परलोकगमन से शिव समान व्यामोह ही उन्हें हमसे दूर ले गया ! इस देदीप्यमान नक्षत्र के अस्त होने से खांडल विप्र समाज की तो गहन क्षति हुई है जिसकी निकट भविष्य मै सम्पूर्ति असम्भव है ! इनकी यशोमई जीवनगाथा दीर्घावधि तक मानव-मात्र के मार्ग को प्रकाशित करती रहेगी ! श्रधेय पंडितजी अपने आचार-विचार-व्यवहार-दर्शन-ज्ञान और इन सबसे अर्जित यश-कीर्ति के साथ सदैव हमारे मार्गदृष्टा - पथप्रदर्शक रहेगे ! मेरा और उनका बहुत ही स्नेह-सम्मान का रिश्ता था ! राजनीति की असीम ऊँचाइयों के बीच से जब १९८२ में जोधपुर महाधिवेशन के समय और उसके बाद कार्यसमिति-सदस्य , कार्याध्यक्ष और महासभा संरक्षक रहते हुवे उन्होंने समाज सेवा के नए आयाम स्थापित किये ! अपनी अस्वस्थता के बावजूद कुछ वर्ष पहले दायें-बाएं चलती महासभा को पटरी पर लाने के लिए इंदौर मै आहूत बैठक और उनके प्रयास स्तुत्य थे ! आज श्रधेय पंडितजी का हमारे बीच से चले जाना एक अपूर्णीय क्षति है ! परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है की इस देवात्मा को अपनी चरण-शरण में चिरस्थाई शांति एवं सद्गति प्रदान करे तथा शोक संतप्त स्वकीय जन को इस असह्य वेदना को सहने की असीम शक्ति और उनके आदर्शो पर चलने की इच्छाशक्ति प्रदान करे !ब्रह्म्लीन महामनस्वी को शत-शत नमन I 'विप्र सेतु' एवं 'कलियुग संजीवनी' परिवार की और से विनीत श्रुधांजलि -शब्दांजलि-पुष्पांजलि समर्पित है ! हीरालाल सेवदा संपादक 'विप्र सेतु' 'कलियुग संजीवनी' संरक्षक अखिल भारतवर्षीय श्री खांडल विप्र महासभा संस्थापक महासचिव वरिष्ठ नागरिक समिति

Thursday, March 8, 2012

विश्व महिला दिवस : 8 मार्च 2012


स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात-नारी की महत्ता -नीलिमा निढानिया (अतिथि संपादक)*५, पञ्चांग*६, अपनी बात-अखंड स्नेह और प्रचंड उर्जा का श्रोत नारी -मोनिका गौड़ (अतिथि संपादक)*७, लोकमत*८, सरोकार-रास्ट्रीय चरित्रता का हनन -एक चिंतन-सांवरमल शर्मा 'रवि'*२७, पंखुड़िया-बच्चो को दें संस्कारों का टोनिक -अनोखीलाल कोठारी*३५, स्वास्थ्य-अलसी कई रोगों की ओषधि -शकुन्तला कोठारी *३७, वास्तु-रसोई घर-पंडित भवानी खंडेलवाल *३७, बुद्ध पुरुष-वृद्धों के हित में -राकेश कुमार*३९, ज्योतिष-ज्योतिष :रोग और उपचार-शिवभगवान शास्त्री*४३, कहानियाँ -पापी कम्बल का सवाल है -शुक्ल चौधरी*४४, नव-परिणीत *४५,सेवा संदीपन-वनमाला शर्मा :७०० से अधिक युवतियों का जीवन सवारा*४७, कवितायेँ-*१०,२६,२९,चौपाल*४९,
अनवरत :
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१९.
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *४९.
विशेष :
नर से बढ़कर नारी -रा.स्वामिनाथ* ९.
संस्कार -उपयोगिता और प्रभाव -राजेश्वरी शांडिल्य *१३.
पौराणिक होली -बसंती हर्ष*१५.
पुत्रीवती भव: -नीलिमा निढानिया*२३.
बेटिया -मानक तुलसीराम गौड़*३०
कन्या जन्म -शकुन्तला व्यास*३०.
कर्मफल की व्यस्था -गंगाविष्णु बंशीवाल*३३.

युवा दिवस : 8 जनवरी 2012


स्थाईस्तम्भ :
अपनी बात-'सामंजस्यपूर्ण जीवन हेतु सम्यक जीवन साथी की तलाश : अविवाहित युवक-युवती परिचय सम्मेलन'उज्जैन*५,पञ्चांग*६लोकमत*१०,सरोकार-भिक्षा या मांग के विविध रूप और नाम-सांवरमल शर्मा 'रवि'*१३,नव-परिणीत *१४, पंखुड़िया-बच्चों की मासूमियत का ध्यान रखें-महेश शर्मा*२३, खुशबु का सफ़र-माँ का स्थान ईश्वर से भी ऊँचा है-अनोखीलाल कोठारी*२५,
बुद्ध पुरुष-प्राणायाम से मन की चंचलता का ह्रास -राकेश कुमार*२७, वास्तु-कुंवा-पंडित भवानी खंडेलवाल *२८, स्वास्थ्य-स्वास्थ्यवर्धक फार्मूला १००-वैद्य ओमप्रकाश चोटिया*२९, ज्योतिष-ज्योतिष :रोग और उपचार-शिवभगवान शास्त्री*३३, कहानियाँ -सूरदास-स्वर्गीय जसवंत सिंह बिरदी*३५, सेवा संदीपन-साहित्यिक विविधता के संवाहक केसरीकान्त शर्मा'केसरी'*३९, चौपाल*४०, स्मृति-शेष:*५०,कवितायेँ-*२४,२५,२८,३०.
विशेष :
विद्रोह नहीं तो विवेकानंद नहीं -तरुण विजय*७.
सांस्कृतिक सद्भावना के प्रेरक है लोहड़ी व् मकर संक्रांति पर्व -बसंती हर्ष*९.
मन कल्पवृक्ष ? कामधेनु - पंडित निरंजनलाल शास्त्री*१५.
हाइकु - केसरीकान्त 'केसरी'*१९.
गीता हाइकु -राज गोस्वामी *२४.
मेरा घर में कुछ नहीं है - गंगाविष्णु बंशीवाल*२५.
हिमालय रोता है -ओमप्रकाश चोटिया *२८.
सदा-बहार देव को श्रधान्जली -सांवरमल शर्मा'रवि'*३०.